आज के लेख में तलाक से संबंध पेपर कैसे तैयार करे talaq nama in hindi | आपसी सहमति से तलाक के नियम क्या है | तलाक पत्र कैसे तैयार किया जाता है | talaqnama paper hindi इन विषयों को समझेंगे और तलाकनामा के फॉर्मेट को बनायेंगे |

talaq nama in hindi


तलाक क्या होता है ? तलाक कब होता है ?

तलाक दो संबंध को अलग करने वाला एक कागजात है जिसे लड़का व लड़की शादी के बाद शादी के संबंध अच्छे अगर नहीं होते है दोनों में, तो इस पेपर के माध्यम से वह शादी संबंध से मुक्त हो सकते है | बिहार में अक्सर देखा गया है कि लड़की और लड़का के बिना मर्जी से शादी हो जाती है | 

शादी के बाद लड़का या लड़की एक दुसरे के साथ सुखद जिन्दगी जी नहीं पाते और हमेशा घर में कलेश बना रहता है, लड़की को शराब या नशा करने वाला लड़का पसंद नहीं होता और लड़का शराबी व नशेरी निकल जाता है और प्रतिदिन अपनी पत्नी को मारता पिटता रहता है | वह कभी लड़की किसी अन्य के बहकावे में आकर दूसरी शादी के लिए तत्पर होती है |

इस समस्या को खत्म करने के लिए तलाक पेपर talaq nama बनाया जाता है, ताकि अगर लड़का व लड़की जब शादी के संबंध से अलग हो जाए तो दोनों एक दुसरे पे किसी प्रकार का मुकदमा या आरोप प्रतारोप नहीं लगा सके, तलाकनामा पेपर के लिए वह कोर्ट व कचहरी से अपने तलाक के दावा कर सके | 

तलाक के कानून 

भारत में तलाक लेने के लिए लड़का व  लड़की का धर्म काफी महत्त्व रखता है, हिन्दू धर्म के लिए तलाक हिन्दू मैरेज एक्ट, 1955 के तहत, व अगर मुस्लिम धर्म से संबंध है तो मुस्लिम विवाह विघटन अधिनियम 1993 के जरिये लड़का व लड़की पक्ष तलाक एक दुसरे से ले सकते है | जिसके नियम अलग अलग होते है |

तलाक का अधिकार 

हिन्दू मैरेज एक्ट 1955 की धारा 13 के नियम के अनुसार, 
  • शादी के बाद लड़की, बिना लड़का से सहमति लिए तलाक के लिए अपील कर सकती है 
  • तलाक लेने के लिए वैध आधार होना चाहिए, जैसे लड़का मारता हो, जान से मारने कि धमकी देता है, ससुराल वाले के तरफ से घर से भाग जाने व अन्य वैध कारण के आधार पर ही तलाक पेपर के लिए आवेदन लड़की दे सकती है | 
  • कानून कि धारा 13 B के आधार पर अगर लड़का और लड़की एक दुसरे के साथ नहीं रहना चाहते है तो वह आपसी सहमति से तलाक ले सकते है | 
  • तलाक के बाद गुजारे भत्ते का भुगतान लड़का को नियमो के अनुसार देने हो सकता है  |


तलाकनामा पेपर कैसे  बनाए talaq nama in hindi 

अगर आप बिहार से है तो आप अपने अधिवक्ता से मिलकर निचे दिए गये तलाकनामा पेपर को 100 रूपये वाले स्टाम्प पर उनसे बातचित के बाद तैयार कर सकते है | नीचे उदाहरण के तौर पर लड़का व लड़की के नाम लिखे गये है ताकि समझ आये :- 

                               शादी विच्छेद

नाम फरीक नं० 1          :- लड़की का नाम एवं पिता का नाम ,पता(निवास स्थान) :- ............

नाम फरीक नं० 2          :– लड़का का नाम एवं पिता का नाम पता (निवास स्थान):- ............

किसिम वोसिका            :– शादी विच्छेद आपसी रजामंदी से

ता० रूपया                    :– .............../- .................. रूपया

                                       

चूँ फरीक नं० 1 वो फरीक नं० 2 की शादी हिन्दू रीति रिवाज के तहत लगभग ............ वर्ष पूर्व दोनों गर्जियनो के आपस में तय कर दोनों फरीक की शादी रजामंदी से सम्पन्न करा दिए तो आज तक बरक़रार रहा परन्तु रिश्ता में कटुता इसलिए उत्पन्न हो गया कि फरीक नं० 2 से कोई सन्तान आज तक नहीं हुआ तो दोनों फरीक आपस में यह तय कि की फरीक नं० 2 दो कि दूसरी शादी करा दिया जाय ताकि दूसरी शादी से वंश हो सके | अब फरीक नं० 2 की शादी होने के बाद अब फरीक नं० 1 आपस में एक दुसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाने लगा एवं हमेशा घर में मार पीट होना शुरू हो गया तो दोनों पक्षों के शुभचिंतको ने इस कटुता मिटाने एवं मधुर रिश्ता बना कर साथ साथ रहने का हर प्रयास किया जो नाकाम रहा एवं हालात इतना बतर हो गया कि कोई हादसा घटित न हो जाय | इसके चलते स्थानीय पंचगण एवं गार्जियन आपस में बैठकर उभय पक्षों से उनका आखिरी फैलसा एवं परिणाम सोचकर निर्णय का प्रस्ताव रखा जिसपर फरीकैन सहमती से अलग – अलग रहने वास्ते रजामंदी दे चुके की अब हमलोग सदा के लिए अलग रहना चाहते है जिसके बाद पंचो एवं शुभचिंतको ने न्यायालय में दाखिल की जाने वाली शादी विच्छेद की जटिल प्रक्रिया एवं खर्च को बचाने के लिए हिन्दू सामाजिक धार्मिक परम्परा की प्रक्रिया पूरी कर फरीक नं० 1 एवं फरीक नं० 2 सहमती के आधार पर कबूल कर स्वेच्छा से वैवाहिक रिश्ता समाप्त कर दिए अब आगे फरीक नं० 2 उमेश साह अपना परिवार बसाये एवं फरीक नं० 1 मुन्नी देवी को कोई एतराज नहीं होगा | चूँ फरीक नं० 1 एवं फरीक नं० 2 शादी विच्छेद आपसी सहमती एवं रजामंदी से कर रहे है | इसलिए किसी प्रकार का खोरिश का दावेदारी का मुकदमा फरीक नं० 1 नहीं करेंगे |

आज दिनांक ............................. को फरीक नं० 1 वो फरीक नं० दोयम शादी विच्छेद का मजमून पढ़कर पढ़वाकर समझकर गवाह एवं पंचो के समक्ष कबूल कर बिना किसी दबाव का स्वेच्छा से दस्खत छाप किया कि शादी विच्छेद प्रमाण रहे एवं जरुरुत पर पेश हो |

 

ह० गवाहन           ह०...................................             ह०........................................

1.                                    नाम – मुन्नी देवी                         नाम – उमेश साह

2.                                    फरीक नं० 1                              फरीक नं० 2

 

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