Sale Deed Format in Hindi Language |
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Sale Agreement Format in Hindi kya hai ?
इस लेख में आपको Sale Agreement Format in Hindi में नीचे दिया गया है | जिसे आप पढ़ वो कॉपी करके अपने wordpress में सजा के प्रिंट भी ले सकते है |
निर्विवाद विक्रय-पत्र
(Absolute Sale
Deed)
1.
लेख्यकारी
(विक्रेता) का नाम - (क्रेता का नाम हिंदी व अंग्रेजी दोनों में) उम्र-......... वर्ष वल्द-(क्रेता के पिता का नाम) जाति-........... पेशा-.............. साकिन मौजा-......... पोस्ट-................ थाना वो अंचल-........... जिला-............ राज्य – बिहार,
राष्ट्रीयता - भारतीय पिन-............ मोबाईल नं० :- ........
2. लेख्यधारी (क्रेता) का नाम - (विक्रेता का नाम हिंदी व अंग्रेजी दोनों में) उम्र-......... वर्ष वल्द-(विक्रेता के पिता का नाम) जाति-........... पेशा-.............. साकिन मौजा-......... पोस्ट-................ थाना वो अंचल-........... जिला-............ राज्य – बिहार, राष्ट्रीयता - भारतीय पिन-............ मोबाईल नं० :- ........
3. विलेख
का प्रकार - निर्विवाद विक्रय-पत्र (Absolute Sale Deed)
4. कुल
बिक्री मूल्य :- मो० ................/- (शब्दो में) रुपैया होता है, जिसका विस्तृत विवरण
निम्न प्रकार है :-
5. बिक्रित
सम्पति का विवरण –
मवाजी............... (............. धुर) यानी......... डी०
एराजी ठीका घड़ारी कायमी बवाके रकबा मौजा – ..... राजस्व थाना नं० .......... थाना वो
अंचल वो सब रजिस्ट्री – ............ जिला – .............. राज्य – बिहार, तौजी नं० –
......... जमाबंदी नं० – .......... हल्का .............स्थित :-
खाता नं० |
खेसरा नं० |
रकबा |
चौहदी |
......... | ........... |
........... |
उ०- ......... |
(.........) |
(...........) |
(..........) |
द०- ......... |
|
|
|
पू०- ........ |
|
|
डी० ............ |
प०-.......... |
(........प्वाइंट ............... डी०) |
भूमि की श्रेणी :-.......................................
बलग्गी .................. हाथ से
यह
निर्विवाद विक्रय – पत्र, इस विलेख की कंडिका – 1 में वर्णित विक्रेता के द्वारा,
कंडिका – 2 में वर्णित क्रेता के पक्ष में विक्रय के निश्वत, कंडिका – 3 में
वर्णित विलेख के लिए, कंडिका – 4 में वर्णित मूल्य पर, कंडिका – 5 में वर्णित
सम्पति के लिये सम्पादित हुआ |
संदर्भ :-
चूँ एराजी मद नं० 5 वशीका हाजा और दीगर एराजी सहित लेख्यकारी के पेदर ................ के नाम से बैनामा रजिस्ट्री द्वारा हासिल है जो बादहूँ वाद वफात लेख्यकारी के पेदर एराजी मद नं० 5 वशीका हाजा लेख्यकारी के हकीकी बेरादरान के बीच बहिस्सा बराबर बाखुदहाँ बँटवारा सम्पन्न हुआ जिस बँटवारा के मुताबिक अन्य दीगर एराजी सहित एराजी मद नं० पांच वसिका हाजा लेख्यकारी के ख़ास हक़ हिस्सा वो दखल कब्ज़ा में हासिल है | जिसकी जमाबंदी नं० 49 लेख्यकारी के पेदर .................. के नाम से अंचल कार्यालय रक्सौल में दर्ज होकर राजस्व रसीद उन्हीं के नाम से कटता है | जिस पर लेख्यकारी तन्हा काबिज दाखिल वो मालिक मोकमिल है वो चले आते हैं जो हर तरह से पाक वो साफ है । जिसे फरोख्त करने का लेख्यकारी को पूरा – पूरा हक़ वो अधिकार है | इस तरह विक्रेता अपने परिवार के हित में, परिवार के कर्ता की हैसियत से, परिवार के आवश्यक क़ानूनी खर्चो वो खरीदने जमीन की पूर्ति हेतु लेख्य सम्पति विक्रय करने का पूर्ण अधिकार विक्रेता धारित करते है । विक्रेता को तत्काल दूसरी जगह जमीन खरीदने, मकान बनाने तथा अन्य प्रकार के आवश्यक क़ानूनी, पारिवारिक खर्चों की पूर्ति करने हेतु दूसरा कोई विकल्प नहीं रहने के कारण, अपने परिवार के अन्य कनीय तथा वरीय सदस्यों के हित में इस विलेख की सम्पति का विवरण शीर्षक में वर्णित सम्पति के विक्रय करने की घोषणा कर प्रचार किया । जिस पर अन्य ग्राहकों के साथ क्रेता से भी बाते हुई लेकिन इस विलेख के क्रेता के बराबर अथवा इससे अधिक मूल्य देने के लिए अन्य दूसरा ग्राहक तैयार नहीं हुए । फलतः बिना लोभ, प्रलोभन, दबाव, धमकाव के तथा पूर्ण मानसिक संतूलन एवं शारीरिक स्वस्थ्यता की स्थिति में कंडिका-4 में वर्णित प्रतिफल, रुपये में अपनी लाभ-हानियों को भली-भांति समझ बुझकर क्रेता के साथ विक्रय की बातचीत पक्की की है, जो प्रचलित बाजार मूल्य के समतूल्य है |
1. यह कि उक्त वर्णित ढंग से
प्रतिफल की धनराशि प्राप्त कर लेने के पश्चात विक्रेता, क्रेता को सम्पति
का विवरण कंडिका-5 में अंकित भू-खण्ड हमेशा के लिए मूल्य के
बदले विक्रय एवं हस्तांतरित करते है । इस सम्पति से सम्बंधित सभी सुखाधिकार तथा धन
प्राप्त के अधिकार या अन्य वे सभी अधिकार जो विक्रेता को प्राप्त थे या भविष्य में
हो तो वो सभी क्रेता को प्राप्त हो गये है।
2. यह कि उक्त सम्पति
(कंडिका-5 वर्णित) को धारण एवं भोग करने का अधिकारों का त्याग क्रेता के पक्ष में
करते हुए, सम्पति क्रेता को सौप दी है तथा कब्जा प्रदान कर
दिया है । क्रेता अब इस सम्पति को बिना किसी प्रतिबन्ध, विघ्न,
ऋण भार एवं बाधा रहित सम्पति का पूर्ण उपभोग स्वामी के रूप में
स्वेच्छानुसार कर सकेगा ।
3. यह कि विक्रेता या अन्य कोई
व्यक्ति विक्रेता के माध्यम से विक्रय सम्पति के संबंध में किसी प्रकार के अधिकार,
उन्मुक्ति या विशेषाधिकार का दावा करता है, तो
वह दावा इस विक्रय विलेख के आधार पर अवैधानिक, अमान्य व
शून्य होगा।
4. यह कि यदि विक्रय विलेख में किसी प्रकार की त्रुटी होने के कारण क्रेता को सम्बंधित सम्पति अथवा उसके कुछ भाग अथवा उसके साम्पत्तिक अधिकारों से वंचित होना पड़ता हैं, तो विक्रेता क्रेता को उस सीमा तक हानि या हानियों,जो वास्तविक रूप में होगी, की क्षतिपूर्ति अपनी तत्कालीन अन्य अस्तित्व में रहने वाली चल या अचल दोनों सम्पतियों के द्वारा करने का उतरदायी होगा । अर्थात विक्रित खेसरा की एराजी की कमी का मिनाहा लेख्यकारी के दीगर खेसरा नं० तीन सौ छिहतर की एराजी से किया जा सकेगा|
5. यह कि विक्रेता, इस संपति को क्रेता द्वारा धारण या उपभोग करने के संबंध में भविष्य में समय-समय पर किए जाने वाले आवश्यक कार्यो का दायित्व क्रेता को हस्तांतरित करते है ।
6. यह कि यदि विक्रय विलेख के
पंजिकरण के पश्चात् किसी प्रकार की देयता विक्रय तिथि के पूर्व की इस संपति पर
निकलती है अथवा किसी व्यक्ति,
संस्था अथवा शासन द्वारा किसी प्रकार का शुल्क, टैक्स लगान, किराया अथवा अन्य देय उस अवधि के मांगे
जाते हैं तब विक्रेता उक्त राशि को स्वयं जमा करेगा । ऐसा न करने पर क्रेता उक्त
राशि कसे विक्रेता अथवा उसकी संपति से वसूल लेगें ।
7. यह कि लेख्य संपति किसी भी
प्रकार न तो विवादग्रस्त और न सरकार द्वारा अर्जित ही है, यह पूर्ण रूपेण
निर्विवाद है । जो लेख्यधारी अपना नाम अंचल कार्यालय रक्सौल में दाखिल खारिज कराकर
लगान साल व साल 1 रूपया अदाय कर मालगुजारी रसीद लेख्यधारी
खुद अपने नाम लिया करेगें ।
8. यह कि यदि किसी कारण यह विक्रय
विलेख सक्षम अधिकारी, न्यायालय, फोरम
अथवा अन्य द्वारा निरस्त अथवा शून्य घोषित कर दिया जाता है तब क्रेता, विक्रेता से प्रतिफल की राशि बैंक दर पर ब्याज सहित तथा अन्य प्रकार की
क्षतियों की राशि वसूल पाने का अधिकार होगें ।
प्रतिबंधित
श्रेणी से मुक्त होने संबंधी लेख्यकारी (विक्रेता) का
प्रमाण
पत्र
प्रमाणित किया जाता है कि इस विलेख
में निहित संपति/भूमी सभी प्रकार के ऋण-भार एवं स्वत्व दोष से मुक्त हैं और न खास
महाल, गैर
मजरूआ, सिलिंग, भूदान, लाल कार्ड, कैसरे हिन्द, धार्मिक
न्यास बोर्ड, वक्फ बोर्ड एवं किसी प्रकार की सरकारी भूमी
नहीं है, जो भूमी सरकारी अर्जन एवं निबंधन से रोक मुक्त हैं,
भविष्य में यदि किसी प्रकार की त्रुटी पाई जाएगी तो उसके लिए इस
विलेख के लेख्यकारी जिम्मेवार एवं जबावदेह होंगे ।
इस प्रकार लेख्यकारी ने अपने तन-मन
की पूर्ण स्वस्थ्यता में अपनी स्वेच्छा से विक्रय पत्र लिख दिया की प्रमाण रहे ।
अतएव उपरोक्त शर्तों के साक्ष्य स्वरूप दोनों पक्षकारो ने बिना किसी दबाव के तथा अपने पूर्ण होशो हवास में निम्नलिखित गवाहों के समक्ष हस्ताक्षर किए है।गवाहगण :-
1. विक्रेता का हस्ताक्षर
2. क्रेता का हस्ताक्षर
तहरीर वो तामिल तारिख : ............. माह ................ 202......... ई0 सन् ।
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