370 article in hindi : detail Information about article 370 ?

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Article of 370

1. Information about article 370 (धारा 370 का परिचय संक्षिप्त में)

अनुच्छेद 370 जम्मू और कश्मीर (J&K) को विशेष दर्जा प्रदान करने वाला एक अस्थायी प्रावधान बना था। इसका उद्देश्य उन अनोखी परिस्थितियों को पहचानना था जिनके तहत जम्मू-कश्मीर भारत में शामिल हुआ, एवं राज्य को महत्वपूर्ण दर्जा मिल सके।

article 370 के तहत जम्मू कश्मीर में देश के बनाये गये नियमों को लागू करने के लिए राज्य सरकार का अनुमोदन लेना होता था |

article 370 के विशेष अधिकार के कारण ही केन्द्र सरकार की धारा 365 लागू नहीं होती थी ( धारा 365 केन्द्र सरकार को यह अधिकार देती है कि वह किसी राज्य द्वारा उसके निर्देशों का पालन नहीं करने पर केन्द्र सरकार कार्रवाई कर सकती है ताकि भारत में संविधान का पालन अच्छी तरह हो सके)

article 370 के कारण देश के राष्ट्रपति को यह अधिकार ही नहीं था कि वह राज्य के संविधान को बर्खास्त कर सके |

article 370 जब तक रहा भारत के अन्य राज्य का कोई भी व्यक्ति जम्मू व कश्मीर में जमीन नहीं खरीद सकता था भले ही वह देश में कही जाके ख़रीदे किन्तु कोई उनके यहाँ जमीन नहीं खरीद सकता |

article 370 भारत की धारा 360 जिसे वित्तीय आपातकाल के दौरान लगाया जाता है, वह भी इस विशेष कानून के तहत लागू नहीं होती थी |

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2. Article 370 of the Indian constitution - Historical Background

भारत वर्ष की आजादी के बाद जब अग्रेंजी हुकुमत ने भारत छोड़ के जाने लगे तो देश के वैसे राज्य जहाँ राजा राज्य करते है उन राज्यों को राजा के फैसले पर छोड़ कर चले गये अब राजा को फैसला करना था कि वह भारत के साथ मिल के रहेंगे अथवा नहीं | उस वक्त कश्मीर के राजा हरि सिंह थे वह उनका प्रधान शेख अब्दुल्ला था | जब पाकिस्तान के द्वारा हमला किया गया कश्मीर पर उसके बाद ही राजा हरि सिंह ने विशिष्ट शर्तों के तहत भारत में शामिल होने पर सहमति व्यक्त करते हुए, भारत में विलय के दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर किए।

हलाकि उस वक्त संविधान निर्माता एवं भारत के पहले कानून मंत्री डॉ० भीमराव आम्बेडकर जी इस article 370 के विरोधी थे | वह article 370 के मसौदा को तैयार करने को राजी नहीं हुए इसके बाद शेख अब्दुल्ला ने नेहरु जी के निर्देश पर एन. गोपालस्वामी अयंगर से मसौदा तैयार कराया था | article 370 को अद्वितीय परिग्रहण को प्रतिबिंबित करने के लिए एक अस्थायी प्रावधान के रूप में जोड़ा गया था और बाद में इसकी समीक्षा करने का इरादा था।

इस धारा का विरोध नेहरु के दौर में ही कांग्रेस पार्टी में होने लगा था | भारतीय जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी के साथ साथ हिन्दू महासभा, भारतीय जनता पार्टी, और शिव सेना ये सभी शुरू से ही article 370 का विरोध व हटाने कि मांग करते आये |

3. अनुच्छेद 370 के तहत विशेष प्रावधान जो जम्मू व कश्मीर को अलग बनाती है अन्य राज्यों से |

भारतीय संसद की विधायी शक्तियों को जम्मू-कश्मीर में सीमित कर दिया गया था, जिसमें भारत सरकार के केवल रक्षा, विदेशी मामले, वित्त और संचार शामिल थे | जब तक कि राज्य सरकार अन्य कानूनों का विस्तार करने के लिए सहमत न हो केन्द्र सरकार राज्य सरकार के मामलो पर हस्तक्षेप नहीं कर सकती थी।

जम्मू-कश्मीर को अपना संविधान और आंतरिक मामलों पर विशेष अधिकार दी गई थी।

दोहरी नागरिकता: जम्मू-कश्मीर के निवासियों को जम्मू-कश्मीर और भारत दोनों का नागरिक माना जाता था जबकि जम्मू व कश्मीर में भारत के अन्य राज्यों के व्यक्तियों व लड़कियों को शादी के बाद भी उन्हें वहाँ कि नागरिकता नहीं प्राप्त हो पाती थी।

अलग संविधान: जम्मू-कश्मीर का अपना अलग संविधान और अलग कानून था, जो राज्य में भारतीय कानूनों का स्थान ले सकता था। केन्द्र सरकार के बनाये गये कानून का पालन वहां नहीं हो पाता था |



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