Bihar Budget 2025 : क्या बिहार बजट का एक बड़ा हिस्सा वेतन में चला जा रहा है जानिये सच्चाई |

 बिहार में बजट 2025-26 आ चूका है | अब बुद्धिजीवी लोग इस पर काफी विश्लेषण करने में भी ध्यान जोड़ो सोड़ो से दे रहे है | इसी बिच उन्हें लगा कि बजट का सारा पैसा तो सरकार अपने कर्मचारियों को वेतन देने में ही लगा दे रही है | रिपोर्ट की माने तो सरकारी अपने सरकारी सेवकों के वेतन एवं पेंशन भुगतान पर ही बिहार बजट का एक बड़ा हिस्सा खर्च कर रही है | क्या यह भार बिहार सरकार की नई नियुक्तियों के कारण हो रहा है जानिये सच्चाई |

Bihar-budget-2025-spent-on-salaries-and-pension-news | Photo Credit:ChatGPT

HIGHLIGHTS

1. वेतन एवं पेंशन के लिए 2025-26 में 1,14,862.88 रखा गया है |

Bihar Budget 2025 : A large part of Bihar Budget spent on salaries and pensions


बिहार का एक बड़ा हिस्सा वेतन एवं पेंशन पर चला जा रहा है | ऐसा ही कुछ बुद्धिजीवियो का मनना है किन्तु वह इस बात की जानकारी साझा नहीं करते है की सरकार आउटसोर्सिंग के नाम पर कर्मियों का वेतन भेजने में करोड़ो का नुक्सान उठा रही है | सरकार संविदा पर नियुक्त कर्मियों का वेतन सीधे विभाग से करती है किन्तु दूसरी तरफ वर्षो से कार्य कर रहे है डाटा इन्ट्री ऑपरेटर का वेतन के लिए आउटसोर्सिंग कम्पनियो के जरिये भुगतान में वक्त और अपना राजस्व गवा रही है | 


इन आउटसोर्सिंग कर्मियों के लिए कोई भी सुनवाई नहीं होती है | सरकारे जबरन आउटसोर्सिंग के नाम से मजदूरी पर GST लेती है | और वेतन देने में भी लम्बा समय लगाती है | वेतन समय पर नहीं आने के कारण इन आउटसोर्सिंग कर्मियों का परिवार कर्ज में हमेशा ही डूबा रहता है | 

एक जगह लिखा हुआ था कि 20 वर्ष पहले इस मद कुल व्यय 7608.79 करोड़ रूपये रहता था अब उन्हें कोन बताये उस जमाने में आज इतनी मँगाई नहीं होती थी | लगता है वह लोग डाउनलोड होकर आये है  | वर्तमान परिस्थिति में अगर 30,000/- हजार से कम तनखा वाले BPL की सूचि में रखने योग्य है | क्योंकि इतने से कम में घर में यदि हम दो और हमारे दो की निति के हिसाब से भी घर चल नहीं पायेगा | 

सरकार प्रचार प्रसार के लिए अखबारों एवं न्यूज चैनलों को कितना पैसा देती है ?


क्या किसी को इस बात की जानकारी होगी की आखिर एक प्रचार प्रसार में लाखो का खर्च सरकार को उठाना पड़ता है | जिस कारण भी बिहार का राजस्व पर काफी भार पड़ रहा है | कारण कि लोगो को जानकारी हो सुविधा हो, ठीक उसी प्रकार सरकार के पास यदि कर्मी ही नहीं होंगे तो सरकार को काम करने में कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है | यह तथाकथित लोग है जो सरकार के कर्मियों के टैक्स के पैसो से चलती है और सरकार के कर्मियों का ही वेतन देने पर सवाल खड़ा करती है | और बिहार में बेरोजगारी बढ़ाना चाहते है | 
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Bihar Budget 2025 का बड़ा हिस्सा वर्षिक स्कीम उदव्यय पर खर्च होता है जो रकम 1,16,750/- करोड़ रूपये है | जिसमे ध्यान दे तो आपको पता चलेगा कि स्कीम के नाम पर केवल पैसो का लुट ही होता है | सबसे ज्यादा खर्च इसमें शिक्षा विभाग पर होता है | यदि आप सरकारी स्कुल को देख ले तो आपकी नगर शर्म के मारे निचे की ओर झुक जायेगी | सारे पैसा सरकारी कर्मियों के वेतन पर नहीं जा रहा इन विभागों में जा रहा है | जिसमे कोई बदलाव नहीं हो पा रहा है पिछले 20 वर्षो में भी | 


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